Thursday, May 24, 2007

सच सियाचिन के चर्चित फर्जी कारनामों का


ये बात है उन दिनों की जब समाचार पत्रों में सियाचिन की बर्फीली वादियों में की गयी फर्जी कारनामों के चर्चे होते थे। रक्षा मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए एक अनूठा निर्णय लिया कि मामले की सुनवायी मीडिया के लिए खुली हो। लगभग १० माह चली समरी ऑफ़ एविडेंस और कोर्ट मार्शल का कवरेज करने का मौका मुझे मिला। कई बातें अखबारों में आयी पर उससे भी ज़्यादा अनकही रह गयी। आप सभी से उन कही-अनकही बातों को बांटने के लिए मिलेंगे हम यही पर....


पर एक संशय को अभी दूर कर दिया जाये तो बेहतर रहेगा। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र कि बात कहते हुवे हमारा पहला सलाम है भारत के उन जवानों और सेना के अफसरों को जिनकी बहादुरी और शहादत की वजह से हमारा मुकुट अभी तक सुरक्षित है। पर हाँ सच है तो कड़वा तो होगा ही॥


(फोटो साभार-टोटलपल्स डॉट कॉम )

Wednesday, May 23, 2007

सच है तो कड़वा ही होगा


एक पत्रकार होने के नाते कभी-कभी लगता है कि उन बातों को भी सभी के साथ बाँटा जाये जो कही या सुनी जाने से रह जाये ... या फिर जो बाते छपने से रह जाये। .....आने वाली पोस्टिंग ऐसे ही कुछ सच सामने लाने कि कोशिश करेंगी जो बेशक कड़वे तो होंगे ही।