ये बात है उन दिनों की जब समाचार पत्रों में सियाचिन की बर्फीली वादियों में की गयी फर्जी कारनामों के चर्चे होते थे। रक्षा मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए एक अनूठा निर्णय लिया कि मामले की सुनवायी मीडिया के लिए खुली हो। लगभग १० माह चली समरी ऑफ़ एविडेंस और कोर्ट मार्शल का कवरेज करने का मौका मुझे मिला। कई बातें अखबारों में आयी पर उससे भी ज़्यादा अनकही रह गयी। आप सभी से उन कही-अनकही बातों को बांटने के लिए मिलेंगे हम यही पर....
पर एक संशय को अभी दूर कर दिया जाये तो बेहतर रहेगा। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र कि बात कहते हुवे हमारा पहला सलाम है भारत के उन जवानों और सेना के अफसरों को जिनकी बहादुरी और शहादत की वजह से हमारा मुकुट अभी तक सुरक्षित है। पर हाँ सच है तो कड़वा तो होगा ही॥
(फोटो साभार-टोटलपल्स डॉट कॉम )
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